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Overviewडॉ.माणिक्यांबा ने नवजागरण क़ालीन हिंदी और तेलुगु साहित्य में नारी विमर्श का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है। व्यक्ति भेद एवं दृष्टि भेद के कारण नारी जीवन पर प्रस्तुत टिप्पणियों मेअंतर आया है, जो कि स्वाभाविक भी था। किन्तु अन्तस्तल में बहती हुई नारी जीवन-धारा की समानता सहज ही परिलक्षित हो जाती है। वे स्वयं हिंदी, तेलुगु व संस्कृत की प्रकाण्ड विदुषी है, एक संवेदनशील कोमल हृदय की स्वामिनी हैं। इससे वे यह कार्य सरलता व कुशलता से कर पाई हैं। अन्त में इन्होंने तीन तत्कालीन तेलुगु कहानियों का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया है। विवाह का नारी के लिए अर्थ, पैतृक संपत्ति में पुत्री का अधिकार और दाय को ले कर नारी की जो स्थिति उभरती है, वह दयनीय ही नहीं, करुण ही नहीं अपितु मन में तूफ़ान उठा देनेवाली भी है। समाज में यदि नारी- स्थिति में परिवर्तन आएगा तो साहित्य के चित्रण से ही आएगा, ऐसा मेरा विश्वास है। डॉ. माणिक्यांबा को उन के इस स्तुत्य प्रयास के लिए बधाई ! उनकी सतत प्रगति के लिए हार्दिक शुभकामना ! -प्रोफेसर पुष्पा बंसल। Full Product DetailsAuthor: Dr P Manikyamba 'Mani'Publisher: Kasturi Vijayam Imprint: Kasturi Vijayam Dimensions: Width: 15.20cm , Height: 1.50cm , Length: 22.90cm Weight: 0.295kg ISBN: 9788196915094ISBN 10: 8196915098 Pages: 240 Publication Date: 30 April 2024 Audience: General/trade , General Format: Paperback Publisher's Status: Active Availability: In stock We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |