|
|
|||
|
||||
Overview"""""अरे हाँ, क्षमा करें। भूमिका एक पादचारी (अर्थात् पैदल यात्री) की है। एक अन्यमनस्क, गुस्सैल पैदल यात्री। वैसे, क्या आपके पास कोई जाकेट है, जो गरदन तक बंद हो जाए?' 'शायद एक है। क्या पुराने रिवाज की?' 'हाँ। आप वही पहनेंगे। किस रंग की है?' 'बादामी रंग की। लेकिन गरम है।' 'वह चलेगी। कहानी जाड़ों के समय की है, इसलिए वह गरम जाकेट ठीक रहेगी। कल ठीक 8.30 बजे सुबह, फेराडे हाउस।' पतोल बाबू के मन में अचानक एक महत्त्वपूर्ण सवाल उठा। 'मैं समझता हूँ, इस भूमिका में कुछ संवाद भी होंगे?' 'निश्चित रूप से। बोलनेवाली भूमिका है। आप पहले अभिनय कर चुके हैं, क्या यह सच नहीं है?' 'खैर, वास्तव में, हाँ...' -इसी संग्रह से अधिकतर लोग सत्यजित रे को एक फिल्म निर्देशक के रूप में ही जानते हैं, पर वे उच्चकोटि के कथाकार भी थे। उनकी कहानियों में भारतीय समाज के सभी रूप उभरकर आए हैं। प्रस्तुत संग्रह की कहानियाँ न केवल मनोरंजक हैं, बल्कि पाठकों के मन को उद्वेलित करनेवाली हैं।" Full Product DetailsAuthor: Satyajeet RayPublisher: Prabhat Prakashan Imprint: Prabhat Prakashan ISBN: 9789351865520ISBN 10: 9351865525 Pages: 176 Publication Date: 02 January 2021 Audience: General/trade , General Format: Hardback Publisher's Status: Active Availability: In stock We have confirmation that this item is in stock with the supplier. It will be ordered in for you and dispatched immediately. Language: Hindi Table of ContentsReviewsAuthor InformationTab Content 6Author Website:Countries AvailableAll regions |